Mela Nibandh in Hindi : हेलो दोस्तों आपका स्वागत है मेला पर निबंध आर्टिकल में। अगर आप Essay धुंध रहे है मेला पर, तो आप सही जगह पर आये है। इस Mela Par Nibandh लेख में हमने सभी बहुत सारे चीजों को ध्यान में रखा है जैसे मेला का महत्व, मेला की विषेशता, मेला से होने वाले फायदे इत्यादि।
इस आर्टिकल में हमें Mela Par Nibandh 200, 400, 500 शब्दों में भी लिखा है। जिससे आपको पढ़ने में कोई समस्या नहीं होगी।
Essay on Mela in Hindi (मेला पर निबंध हिंदी में)
“मेला” यह शब्द सुनते ही हमारे मन में प्रशन्नता छा जाती हैं, हिंदी का यह समूह वाचक शब्द सामुहिक खुशहाली को दर्शाता है। मेला अपने आप में खुशियों का बहुत बड़ा अवसर हैं, यह शब्द बूढ़े, जवान और बच्चों में उमंग भर देता है। यह मेला पर निबंध उसी संदर्भ में लिखा गया है उम्मीद है आप पसंद करेंगे।
प्रस्तावना
मेला शब्द का भारत की संस्कृति में अपना एक अलग ही महत्व रखता है, भारत जो की त्योहारों का देश है, और मेला इन त्योहारों, विधि व्यवहारों और सांस्कृतिक धरोहरों को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ता चला आ रहा है।
भारत के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग त्योहारों के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता हैं। चाहे वो त्योहार छोटा हो बड़ा, गरीबों के लिए हो या अमीरों के लिए सभी मिलकर मेला का आनंद लेते है।
भारत में मेला का महत्व।
भारत में मनाये जाने वाले मेलों में दसहरा मेला, होली मेला (होलिका दहन), रामनवमी मेला आदि प्रमख हैं। मेला साल के किसी खास महीने में किसी खास पर्व के अवसर पर मनाया जाता है। और समाज के हर वर्ग के लोगों अमीर, गरीब सबको सुब कुछ भूल कर एक साथ खुश होने का मौका देता है। लोग अपने कामो में बयस्त होने के बाबजूद जिंदगी से बाहर निकलकर एक जगह मिल के खुशियां मनाते हैं ।
बच्चो के अंदर मेला का एक अलग ही उत्त्साह रहता है उसे मेला के दिनों का बेसब्री से इन्तजार रहता है, नए कपड़े,अच्छी मिठाइयाँ, चटपटी खाद्य पदार्थ, अपने दोस्तों के संग घूमना, अलग अलग प्रकार के झूलो पे झूलना और खिलौने खरीदना उनके आकर्षन का प्रमुख केंद्र होता है।
समाज के अलग अलग वर्ग, अलग अलग समुदाय के लोग, अलग अलग शहर और गाँव के लोगों को एक साथ लाना उनके बीच के सामाजिक दुरी को कम करना और उनमे आपसी प्रेम और भाईचारा को बढ़ाना मेला का प्रमुख उद्देश है।
दुर्गा पूजा मेला।
“दुर्गा पुजा” का मेला काफी प्रसिद्ध मेलों में से एक है। यर्ह देश के अलग अलग हिस्सों में काफी धूम-धाम से मनाया जाता है, देवी दुर्गा के पूजन के अवसर पर आयोजित यह मेला कई मायनो में खास है। यह मेला नारी शक्ति की प्रतीक देवी दुर्गा के पूजन के साथ साथ नारी संरक्षण, नारी सशक्तिकरण, आदि सकारात्मक संदेशो को समाज के हर लोगो तक पहुँचता है।
प्राचीन हिन्दू ग्रंथो के अनुसार दुर्गा पूजा मेला आयोजित करने के पीछे यह कारण बताया जाता है कि जब पृथ्वी पर दानवों का आत्याचार बढ़ गया था, तब देवी दुर्गा महिषासुर नामक दानव से दस दिनों तक युद्ध कर के उस दानव का वद्ध कर के धरती को दानवों से मुक्त की थी।
और तब से धरती वासी उस दिन को दुर्गा पूजा मेला के रूप में मनाते है और आपस में मिल जुल कर खुशियां मनाते है। मुझे इस मेला में जाना दोस्तों के साथ घूमना, पूजन आदि करना और इसका हिस्सा बनना काफी पसंद है.
सोनपुर मेला।
“सोनपुर मेला” बिहार के सोनपुर में प्रत्येक वर्ष गंडक के तट पर मनाया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आयोजित यह मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला है सोनपुर नाम से प्रख्यात यह मेला छत्तर मेला के नाम से भी जाना जाता है।
सोनपुर मेला काफी प्राचीन समय से ही बिहार के राजधानी पटना के पास आयोजित किया जाता है। प्राचीन समय से ही इस मेले में पशुओं को खरीदा एवं बेचा जाता है।
एक जमाने में यह मेला युद्ध में लड़ने के लिए, हाथियों के खरीदारी का प्रमुख केंद्र था। चन्द्रगुप्त मोर्य, अकबर, कुँवर सिंह आदि राजाओं ने भी यहाँ से हाथियों के खरीदे थे। “सोनपुर मेला” आज के समय भी काफी बड़े स्तर पर आयोजित किया जाता है, और देश के कई हिस्सों से लोग आ के इस मेले का हिस्सा बनते है।
मेले का सांस्कृतिक महत्व।
मेला जो की किसी खाश पर्व त्योहारों के अवसर पर आयोजित किया जाता है, यह व्यपारीक और उमंग के दृश्टिकोण से महत्वपूर्ण है ही, साथ ही साथ सांस्कृतिक दृस्टि से भी काफी महत्वपूर्ण है। यह अनेकता में एकता को दर्शाता है, यह हमारे जीवनशैली को भी दर्शाता है, जो की भारत के खूबियों में से एक है।
मेला भारतीय संस्कृति को पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाता चला आ रहा है, हमारे रिवाज, निजी जीवन के तौर तरीके, खान पान, परिधानों के तौर तरीके को इस समय भी जिन्दा रखा है।
मेला का व्यापारिक महत्व।
मेला का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के साथ व्यापारिक महत्व भी काफी महत्वपूर्ण है, मेला न केवल उमंग का केंद्र है बल्कि छोटे बड़े सभी प्रकार के व्यापारियों, दुकानदारों को उनके सामान को अलग अलग लोगो तक पंहुचाने का एक मंच प्रदान करता है, शिल्पकारो, मूर्तिकारो को उनके कला को लोगो के सामने प्रदर्शित करने का मौका देता है। लोग उसे खरीदते है जो कि उस शहर और राज्य के आर्थिक विकास में काफी योगदान देता है।
मेला के माध्यम से देश के अलग अलग हिस्सों के तकनीक और कला अलग अलग जगहों तक पहुँच पाता है, जो की व्यापारिक दृश्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण है। और देश में अनेकता में एकता को बनाये रखता है।
उपसंहार
मेला सांस्कृतिक, व्यपारिक और कई मायनों में महत्वपूर्ण है, यह व्यापार, स्थानीय कलाकृति, रीतिरिवाजों को देश के अलग अलग हिस्सों तक पहुँचता है, और उन्हें लोगो के बीच जिन्दा रखता है। मेला आज के व्यस्त जिंदगी में लोगो को खुश रहने का अवसर देता है। यह समाज में लोगों के बीच आपसी प्रेम और भाईचारा को बढ़ता है। मुझे मेले में जाना, घूमना और इसका हिस्सा बनना काफी पसंद है।
मेला पर निबंध 200 शब्दों में। (Essay on Mela in 200 Words in Hindi)
मेला यह सब्द सुनते हे हमारे मन प्रशन्न हो जाता है। अलग अलग त्यहारो के अवसर पर मेला का आयोजन किया जाता है। मेला सभी लोगो को एक साथ मिल कर खुशियाँ मानाने का मौका देता है। मेला समाज के हर वेग के लोगो को उमंग से भर देता है।
मेला सांस्कृतिक, धार्मिक, व्यापारिक और अन्य कई मायनो में महत्वपूर्ण है , यह समाज के अलग अलग हिस्सों के लोगो को, अलग अलग समुदाय के लोगो को एक साथ मिल के खुशिया मानाने का मौका देता है। यह समाज में भेद भाव को काम कर लोगो में आपसी प्रेम को बढ़ता है।
यह छोटे व्यपारियो को उनके सामान बेचने में मदद करता है, शिल्पकारो को उनके कलाकृति को देश के अलग अलग हिस्सों में पहुंचने में मदद करता है।
यह “Mela Nibandh in Hindi” मेला के अनेक खुबीयों, उद्देश्यों एवं अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर लिखा गया है। उम्मीद है आपको पसंद आया होगा। अगर आप को ये अच्छा लगा तो ऐसे आप अपने दोस्तों के साथ साझा करना ना भूले।