Samay ka Sadupyog Par Nibandh | समय का महत्त्व पर निबंध

आपका स्वागत है Samay ka Sadupyog Par Nibandh (समय के सदुपयोग पर निबंध) आर्टिकल पर, अगर आप निबंध पढ़ना चाहते है समय के सदुपयोग पर ये आर्टिकल आपके लिए है।

Samay ka Sadupyog Par Nibandh | समय का महत्त्व पर निबंध परिचय।

समय मानव जीवन की सबसे महत्वपूर्ण इकाइयों में से एक है | समय का सदुपयोग एक इंसान को सभी दृष्टिकोण से सफलता के चरम पे ले जाता है | यह निबंध समय के महत्त्व और समय के सदुपयोग के सन्दर्भ में लिखा गया है | उम्मीद है, आपलोगों को पसंद आएगी |

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Samay ka Sadupyog Par Nibandh (समय के सदुपयोग पर निबंध) प्रस्तावना 

समय हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण धन है, जिसके एक बार चले जाने के बाद मनुष्य के पास पछताने के सीवा दूसरा कोई चारा नहीं बचता है |  हमारे जवान की अनमोल धरोहर है , जो हमारे जीवन में एक सुनहरा मौका लेकर आती है ,जो एक बार अगर बीत गया ,तो फिर कभी वापस नहीं आता। 

इसीलिए हमें इसके महत्त्व को समझते हुए इसका सही उपयोग करना चाहिये , और अपने लक्ष्य को प्राप्त करके अपने जीवन को संवेदनशील बना सकते हैं। 

समय का महत्त्व :-   

समय हमारे जीवन की अनमोल धरोहर है, जिसका उपयोग हर कोई नहीं कर पता है, इसका सदुपयोग करना सबसे कठिन काम होता है। समय का महत्त्व हमें इसलिए करना चाहिये, क्योंकि यह हमारे जीवन का सबसे मूल्यवान धन है। 

इसका सही इस्तेमाल करना अत्यंत जरुरी है ,क्योंकि यह हमें हमारे जीवन के निर्धारित लक्ष्य तक पहुँचने में हमारी सहायता करता है। समय संसार के वह संपत्ति है, जिसकी कीमत पर संसार की कोई भी सफलता प्राप्त की जा सकती है। यह हमारे जीवन का सबसे कीमती आधार है, जिसके एक बार गुजर जाने से यह वापस नहीं आता, समय के महत्त्व को दर्शाते हुए एक कहावत है कि,

“अब पछताए होत क्या , जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत “

इसे हम अपने बचपन में पढ़ी हुई, चींटी और टिड्डा की एक कहानी के द्वारा समझ सकते हैं :-

चींटी और टिड्डा दोनों पड़ोसी थे, चींटी बहुत मेहनती थी, और वह दिन भर मेहनत करती थी। वह अपने भविष्य के लिए भी अनाज इक्कठा करती रहती थी। 

वहीं टिड्डा सिर्फ पेट भरने का भोजन जुटा कर दिनभर खेलता – कूदता , नाचता – गाता रहता था। कुछ दिन बाद बरसात का मौसम आया। टिड्डे को कहीं भोजन नहीं मिल पा रहा था, जबकि चींटी आराम से घर में बैठ कर बरसात का आनंद ले रही थी। चींटी को देखकर टिड्डे को भी यह समझ में आ गया, कि उसने पुरे साल आराम करके गलती की, लेकिन 

“अब पछताए होत क्या, जब चिड़ियाँ चुग गयी खेत”

समय के सदुपयोग से लाभ :- 

मनुष्य  के पास ईश्वर द्वारा दी गई सबसे महत्वपूर्ण पूंजी है – समय। जो इसका सही तरीके से सदुपयोग करता है, वह व्यक्ति कभी भी असफल नहीं हो सकता।   

कहते  हैं परिश्रम से ही सफलता मिलती है, किन्तु परिश्रम का अर्थ भी समय का सदुपयोग ही है।  

समय का सदुपयोग भगवान द्वारा बनाए गए सभी नियमों में से सबसे प्रमुख नियम है। यह वह धन है जिसका उपयोग जिसने भी अपने जीवन में एक सच्चे पुजारी के भांति एक क्षण भी नष्ट ना करते हुए किया हो वह एक सफल मानव बनता हैं। 

समय का सही तरीके से इस्तेमाल करके हम अपने जीवन के लक्ष्यों की ओर प्रगति कर सकते हैं, नए क्षेत्रों में विकास कर सकते हैं और हम अपनी क्षमताओं को बढ़ा सकते हैं। इसके सदुपयोग से ना केवल व्यक्तिगत रूप में सुधार आता है , बल्कि हमारा जीवन भी आनंदमयी हो जाता है। 

व्यक्ति इस दुविधा में भी रहता है, कि अगर वह किसी नए काम का आरंभ कर रहा है और यह सोचता है कि काम सफल होगा या नहीं और अगर नहीं हुआ तो क्या होगा। 

इस समस्या पर भागवत गीता में श्री कृष्ण के द्वारा बोला गया एक श्लोक भी है,

"कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि"

इसका अर्थ यह है, कि : तू केवल कर्म करने में ही विश्वास रख। फलों की चिंता मत कर, फल तो ईश्वर के हाथ में है , इसलिए न ही कर्म से भागना उचित है,और न ही कर्म से फल की आशा रखना उचित है। 

समय के दुरूपयोग से हानि :-

समय का उचित उपयोग न करने से जीवन में निराशा, असफलता और हानि ही हाथ लगती है। जीवन बड़ा अमूल्य धन है, हर क्षण के साथ यह अमूल्य संपत्ति कम होती चली आ रही है। अगर आप समय का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं तो आप कभी भी सफल जीवन नहीं बिता सकते हैं जिससे आपको अपने जीवन में सदा कठिनाई झेलनी पड़ेगी। 

जो विद्यार्थी समय को ध्यान में रखकर पढ़ाई करता है और अपना लक्ष्य निर्धारित करके रखा है, वह अपनी जिंदगी में एक दिन जरुर सफल होगा जिससे उसका भविष्य उज्जवल होगा। 

 इस विषय में कबीरदास जी के द्वारा लिखी गयी एक दोहा है, कि –

काल करे सो आज कर, आज करे सो अब ।
पल में प्रलय होएगी, बहुरि करेगा कब ॥

कबीरदास के दोहे का अर्थ यह है, कि : अगर काम आज का है, तो वह काम आज ही ख़तम कर लेना चाहिये। आज के काम को कल पर नही टालना चाहिये, हमें इस दोहे से समय के महत्त्व का पता चलता है, कि अगर अगला ही पल प्रलय होगा तो उस काम को फिर किया नहीं जा सकता है। 

अगर कल आया ही नही। ये तो हम सब भी कहते है, कि कल किसने देखा है अगर हम कल जिन्दा ही नही रहे तो। तो इस दोहे से भी हमें समझ आता है, कि हमें कभी भी अपने काम को टालना नही चाहिये आज का काम आज ही समाप्त कर लेना चाहिए। 

कहा गया है ,कि आपकी भूली हुई विध्या, इज्जत, धन, दौलत सब दोबारा कम सकते हैं। लेकिन समय ही एक यैसी चीज़ जिसके एक बार चले जाने से वह वापस नहीं आता। अभी तक मनुष्य ने सारे चीजों का तोड़ निकाल लिया है, विज्ञान की मदद से सारे जगहों पर कब्ज़ा कर लिया है। लेकिन समय ही एक यैसी चीज़ है, जिसका अभी तक कोई तोड़ नहीं है। इसपे अभी तक किसीने भी कब्ज़ा नही कर पाया है। 

कुल मिला के यही है, कि समय का सम्मान करें नहीं तो समय आपका सम्मान नहीं करेगा। इसपर भी एक कहावत है, कि :-

समय को बर्बाद मत करो नहीं तो समय आपको बर्बाद कर देगा 

समय की शक्ति :-

कहा जाता है , समय बहुत बलवान होता है, यह तुरंत किसी को भी रजा से फकीर बना सकता। कोई अगर इस चौड़ में जीता है, कि उसके पास बहुत पैसा, धन, दौलत है।  

और वह अपने से लोगों को नीचा समझता है। तो यह एक संकेत है, कि उसका बुरा टाइम शुरु होने वाला है। समय की सकती को दर्शाते हुए एक सायरी है कि –

"किसी कि मजबूरियों पर मत हँसिये,
कोई मजबूरियाँ खरीद कर नहीं लता,
डरिये वक्त कि मार से क्योंकि 
बुरा वक्त किसी को बताकर नहीं आता "  

उपसंहार :-

अंततः यही है, कि समय भगवान द्वारा दी गयी सबसे कीमती चीज़ है। अतः हमारा कर्तव्य है कि समय का पूरा – पूरा और सही तरीके से लाभ उठाये। काम के समय सिर्फ काम और कोई भी दूसरी चीज़ नहीं, चाहे आप जो भी काम करते हों। क्योंकि, अम्मी जान कहा करती हैं, कि 

“कोई भी धंधा छोटा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता | “

तो इस समय के सदुपयोग पर निबंध के द्वारा हमने समय के महत्त्व को समझाने कि एक छोटी सी कोशिश की है। आशा करता हूँ, कि यह निबंध आपलोगों को पसंद आया होगा। 

धन्यवाद। 

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